अपर मुख्य सचिव वन सहित तीन अफसर आपराधिक अवमानना में तलब

यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ एवं न्यायमूर्ति सत्यवीर सिंह की खंडपीठ ने ओमकार सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिया है। कोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड पर मौजूद सामग्री से स्पष्ट है कि इस न्यायालय के आदेशों की अवमानना के लिए विपक्षी अधिकारियों को दंडित करने की शक्तियों का स्वतः संज्ञान लेना भी उचित है।

कोर्ट ने कहा कि पहली नज़र में यह मामला सिविल अवमानना का प्रतीत होता है लेकिन विचार करने पर यह स्पष्ट है कि यह अवमानना न्यायालय अधिनियम 1971 की धारा 2(सी) के तहत परिभाषित आपराधिक अवमानना का है, क्योंकि विपक्षी अधिकारियों का आचरण दर्शाता है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के प्राधिकार को कम करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है।

उन्होंने इस न्यायालय और सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के विरुद्ध लिखित आदेश करके आपराधिक अवमानना की है और याची को नौकरी से वंचित करके उच्चतम न्यायालय और इस न्यायालय के निर्देशों को विफल करने के लिए भी अवमानना की है। उनके कार्य न्याय प्रशासन में बाधा डालने के संकेत हैं। ऐसे में उन्हें अगली तारीख पर उपस्थित रहने और जवाबी हलफनामा या अनुपालन का हलफनामा दाखिल करने का निर्देश दिया जाता है। मामले पर अगली सुनवाई के लिए आठ दिसंबर की तारीख लगाई गई है।